जिनके हाथ संवारते हैं आपका रूप और श्रृंगार

जिनके हाथ संवारते हैं आपका रूप और श्रृंगार

खुद को सजाना संवारना भला किसे नहीं अच्छा लगता लेकिन कमाल तो उन हाथों का है जो दूसरों का रूप रंग निखार कर उन्हें खूबसूरती की परिभाषा का सही मतलब बताते हैं। यह बात अलग है कि सौंदर्य विशेषज्ञ यानी ब्यूटीशियन शानदार काम के बावजूद सराहना से वंचित रह जाते हैं। लेकिन न तो इसकी कोई शिकायत होती है और न ही वह इसका असर काम पर पड़ने देते हैं। सौंदर्य विशेषज्ञ रानी धूलिया कहती हैं कि शिकायत कैसी, यह तो हमारा काम है और काम पर असर पड़ने का मतलब है ग्राहकों की नाराजगी जो हम कभी मोल नहीं ले सकते। हमारे लिए ग्राहक से ऊपर और कोई नहीं होता। आखिर कैसे होती है रानी के दिन की शुरुआत।

वह बताती हैं कि सुबह सबसे पहले पूरे पार्लर की अच्छी तरह सफाई की जाती है। हमारा काम ऐसा है कि संक्रमण की आशंका अधिक होती है। इसलिए सफाई सर्वाधिक जरूरी है। एक-एक उपकरण से लेकर प्रत्येक कटोरी प्लेट आदि की सफाई की जाती है। गंदे तौलिए धोने भेजे जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है रोज का काम। क्या रानी का काम ग्राहक की अपेक्षा की कसौटी पर खरा उतरता है। रानी कहती हैं हमें वही करना पड़ता है जिसकी मांग हमसे की जाती है। इसके एवज में हमें पारिश्रमिक मिलता है। अपने काम में थोड़ी सी भी लापरवाही हमें महंगी पड़ सकती है। अच्छा काम हुआ तो ग्राहक और कहीं जाने के बजाय हमारे पास ही आएंगे।

पुरुषों के लिए पार्लर चला रहे संजय गोयल बताते हैं कि जब आमिर खान की गजनी फिल्म आई थी तब ज्यादातर युवा हमसे आमिर की गजनी हेयर स्टाइल की मांग करते थे। हमें वह हेयर स्टाइल देने में ऐतराज नहीं होता था लेकिन कई चेहरों पर यह हेयर स्टाइल सूट नहीं करती थी। हम ग्राहक को यह बात बोल भी नहीं सकते थे। वह कहते हैं कि हम अपनी ओंर से ग्राहक को यह बताने की कोशिश करते हैं कि आकर्षक दिखने के लिए वह कैसा लुक अपनाए। केवल फैशन की ओंर भागने से कुछ नहीं होता।

रानी और संजय यह मानते हैं कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों से सौंदर्य का कारोबार भी अछूता नहीं रहा है। वह कहते हैं कि अब ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें विशेष पैकेज, उपहार आदि की पेशकश करनी पड़ती है। रानी कहती हैं कि दुल्हन के मेकअप के लिए हमने एक उपहार की पेशकश की है। गर्मियों में स्पा और कई तरह के पैकेज उपयोगी साबित हो रहे हैं। संजय को लगता है कि युवाओं को आप पैकेज दें या न दें वह अपने लुक के लिए अगर सचेत हैं तो पार्लर आएंगे ही। उन्हें लगता है कि अच्छी नौकरी अच्छे साक्षात्कार और कॅरिअर को आगे बढ़ाने में लुक की खास भूमिका होती है। इसीलिए वह इसमें कोई चूक नहीं करते। रानी कहती हैं कि पहले बड़े नाम जैसे शहनाज हुसैन, वंदना लूथरा का बोलबाला था। लेकिन आज किफायती पैकेज, व्यस्तता समर्पण सब कुछ आपस में मिल गए हैं और हमारे लिए कई संभावनाएं सामने हैं।

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