गाजर में कई तरह के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। खासतौर से इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 1, कई तरह के खनिज लवण व एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।
सर्दी का मौसम आते ही बाजार में लाल-लाल गाजर बेहद सस्ते दाम में मिलने लगती हैं। इतना ही नहीं, इस मौसम में लोग गाजर की सब्जी से लेकर उसका जूस तक पीना पसंद करते हैं। यूं तो गाजर को कई तहर से खाया जाता है लेकिन क्या आप इससे मिलने वाले फायदों से वाकिफ हैं। नहीं न, तो चलिए जानते हैं गाजर से होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में-
प्रचुर होते हैं पोषक तत्व
गाजर में कई तरह के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। खासतौर से इसमें बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी 1, कई तरह के खनिज लवण व एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं।
आंखों को रखेगा तंदुरूस्त
गाजर का सेवन आंखों के लिए विशेष रूप से लाभदायी माना गया है। ऐसा इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन व विटामिन ए की वजह से होता है। इसलिए जो लोग गाजर का सेवन पर्याप्त मात्रा में करते हैं, उनकी आंखों की रोशनी लंबे समय तक दुरूस्त तो रहती है ही, साथ ही रतौंधी व मोतियाबिंद जैसी बीमारियां होने की आशंका भी कम हो जाती है।
सदा रखे जवां
समय के पहिए को रोक पाना भले ही किसी के लिए संभव न हो लेकिन लंबे समय तक जवां बने रहने के लिए कुछ उपाय तो किए ही जा सकते हैं। इन्हीं में से एक है गाजर का सेवन करना। दरअसल, इसमें बीटा-कैरोटीन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। जो विभिन्न कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं और एजिंग के साइन्स को लंबे समय तक आने से रोकते हैं। इतना ही नहीं, गाजर का सेवन रूखी त्वचा, पिंपल्स, पिगमेंटेशन आदि समस्या से भी निजात दिलाते हैं।
हृदय के लिए लाभदायक
गाजर हृदय के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। दरअसल, इसमें कैरोटीनॉयड्स पाए जाते हैं जो किसी भी तरह के हृदय रोग की आशंका को कम करते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें बीटा-कैरोटीन के साथ-साथ अल्फा कैरोटीन और ल्यूटिन भी पाया जाता है। गाजर का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
दांतों की सफाई
गाजर प्लैक और खाद्य कणों को मुंह से निकालकर दांतों व पूरे मुंहे की सफाई करने का काम करता है। ठीक उसी तरह, जिस प्रकार एक टूथब्रश व टूथपेस्ट अपना काम करता है। गाजर में पाए जाने वाले मिनरल्स दांतों को किसी भी तरह की क्षति से बखूबी बचाते हैं। इसके अतिरिक्त गाजर मसूड़ों को उत्तेजित करके अधिक लार उत्पन्न करने में मदद करता है और यह लार क्षारीय होने के कारण कैविटी बनाने वाले बैक्टीरिया को संतुलित करके दांतों की रक्षा करता है।