नारी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। नारी के अंदर सहनशीलता, धैर्य, प्रेम, ममता और मधुर वाणी जैसी बहुत से गुण विद्यमान है जो कि नारी की असली शक्ति है। नारी का सम्मान सदा होना चाहिए।’’ यस्त पूज्यते नार्थस्तु तत्र रमन्ते देवताः भावार्थ है जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवा निवास करते हैं’’। नारी का सबसे पवित्र रूप माँ के रूप में देखा जाता है। माँ को ईश्वर से भी बढ़कर माना गया है। आजकल की लडकियाँ हर क्षेत्र में बाजी मार रही हैं किसी समय इन्हें कमजोर समझा जााता था लेकिन आज वो अपनी मेहनत और प्रतिभा, शाक्ति के बल पर लडकों से कंधे से कंध मिलाकर चल रही है। हर महिला का सम्मान करें क्योंकि दुनिया की आधी आबादी के बलबूते पर ही आदमी यहाँ तक आया है उसे ठुकराना नही चाहिए। हम हर वर्ष ”8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस“ के रूप में मनाते है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी दुर्गा व लक्ष्मी का सम्मान दिया गया है। हमें हमेशा अपनी माता, पत्नी और बेटी का सम्मान और आदर करना चाहिए। हर दिन हम मदर्स डे के रूप में मनाते हैं।