अपने पेट को काबू में रखना है सबसे जरूरी

अपने पेट को काबू में रखना है सबसे जरूरी

प्रायः एक बार पेट का घेरा बढ़ जाए तो उसे कम करना काफी कठिन माना जाता हैं। पेट बढ़ने का मूल कारण बार-बार खाना ही हैं। दोपहर और रात्रि के भोजन के बीच हम कई प्रकार के स्नैक्स खाते हैं। शाम होते ही कई प्रकार की उल्टी सीधी चीजें खाने की इच्छा हो जाती हैं। कुछ लोग समोसे खाते हैं, कुछ कचैडियां, कोई नूडल्स तो कुछ पिज्जा। कई बार तो एक स्नैक खाने की इच्छा हो जाती है। क्या इसका कारण पेट की थैली के आकार का बढ़ जाना है? विशेषज्ञों का कहना है कि हम जितना भोजन खाते है उसके हिसाब से पेट की थैली का आकार बड़ा हो जाता है और हमें अधिक भूख लगने लगती है। जो कई बार खए बिना संतुष्ट नहीं होती। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि हम प्रत्येक बार साधारण से कम भोजन खाकर पेट की थैली का आकार छोटा कर सकतेे हैं और अपना वनज कम कर सकते हैं। अधिक भूख और बढ़े पेट का संबंध तो सर्वविदित ही है। एक मनोवैज्ञानिक एलन ग्लिबटर ने न्यूयार्क में कुछ व्यक्तियों के पेट में एक बैलून डालकर और उसमें पानी भरकर उनके पेट की क्षमता नापी। इनमें से प्रत्येक व्यक्ति लगभग चार कप पानी से पेट काफी भरा हुआ महसूस करने लगे। उसके प्श्चात इन लोगों के एक मास तक कम कैलोरी के हल्के भोजन पर रखा गया। जब पुनः उनके पेट की क्षमता नापी गई तो यह तीन कप पानी के बराबर निकली। पेट की क्षतता बढ़ने में कितना समय लगता हैं? बढ़ने में लगभग दो से चार सप्ताह का समय लगता हैं। एकाध बार अधिक खा लेने से विशेष अंतर नहीं पड़ता किंतु इससे अगले दिन फिर अधिक भूूख लग जाती है। एक विशेषज्ञ डाॅ. लोरंस चैस्किन ने दिन में कम खाना और रात को भारी भोजन को इसका दोषी ठहराया है। विशेषज्ञों के अनुसार निम्न कदम आप को सीमित रखने ओर पेट का आकार कम रखने में सहायक कर सकते हैं।
दिन में पाच बार खांए। तीन बार हल्का भोजन और दो बार हल्के स्नैक्स लें।
हर वस्तु की सीमित मात्रा लें और धीरे-धीरे खांए ताकि आपके पेट को यह पता लगने लगे कि यह भर गया हैं।
किसी जन्मदिन या विशेष अवसर पर बर्थडे केक या पिज्जा खाना हो तो अपना मन न मारें। पहले ही तय कर लें कि आपकों केक या पिज्जा का छोटा टुकड़ा ही खाना हैं। यदि संभव हो तो पार्टी में जाने से पूर्व दही या कोई फल खा लें। हलवा या मिठाई जैसी भारी चीज किसी साथाी के साथ बांट कर खांए।
भोजन से पूर्व एक गिलास पानी पीने से भी भूख की तीव्रता कुछ समय कम हो जाती है।
अधिक वनज बढ़ाने वाली चीजों की इच्छा होने पर इनसे कुछ मिलती-जुलती चीजें खाने का प्रयास करें जैसे फ्रेंस फ्राइस से स्थान पर उबले या भुने हुए आलू की चाट और चिकन कटलेट के स्थान पर भुना हुआ चिकन, स्टफ परांठे के स्थान पर स्टफ चपाती। शुय में एक दो सप्ताह अपकों कठिनाई हो सकती है पर धीरे-धीरे आपको आदत हो जाएगी।
यहद आप इन तरिकों को अपना कर धीरे-धीरे खाने की आदत डाल लें तो धीरें-धीरें आपका पेट अवश्य काबू में आ जाएगा।

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