पिता वो होता है जो अपने बच्चे को गिरने पर उठाता है, कपड़ों पर लगी मिट्टी को साफ करता है और फिर से आगे बढ़ने के लिए कहता हैं। पिता का अपने बच्चों के साथ प्यार और विश्वास का रिश्ता होता है जो जीवन भर बरकरार रहता है। लेकिन कभी-कभी पिता और बच्चों के रिश्तों में दरारें भी देखने को मिलती है। इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते है। आमतौर पर पिता का व्यवहार ही उन्हें अपने बच्चों से दूर करता है, जो आगे चलकर कष्टकारी होते है। अगर आप दुनिया के बेस्ट पापा बनना चाहते है और अपने बच्चों की भावनाओं को समझें उन्हें अच्छी सीख दें। बच्चों की भावनाओं की करें कद्र जब भी आपके बच्चे किसी चीज की जिद करें तो उन्हें मारें-पीटें नहीं। क्योंकि मारने से बच्चे आपसे दूर हो जाएंगे। वह कभी भी अपनी बातें शेयर नहीं करेंगे। इससे आप उनके अच्छे दोस्त नहीं बन पाएंगे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है उनकी भावनाओं की कद्र करें। कुुछ ऐसा काम न करें कि उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचे। बच्चों के साथ वक्त बिताएं जब आप सारा दिन काम को लेकर हमेशा बाहर रहते है और उधर शाम को आपके बच्चे आपका घर पर इंतजार कर रहे होते है तो ये समय आपके बच्चों के लिए बहुत इंपोरटेंट होता है। बच्चे चाहते है कि आप उनके साथ थोड़ी देर वक्त बिताएं। ऐसे में आपको भी चाहिए कि बच्चों को अपना टाइम दें उनकी बातें सुनें उनके साथ हर पल को इंज्वाॅय करें। बच्चों की परफाॅरमेंस का रखें ध्यान- पढ़ाई, खेल, जाॅब या फिर बिजनेसा हर क्षेत्र में अपने बच्चों की परफाॅरमेंस पर नजर रखें। बच्चों के साथ अपने अनुभव को साझा करते रहें। यह अपने बच्चों से दोस्ती की सबसे बड़ी मिसाल हो सकती है। उन्हें प्रोत्साहित करें- अगर आपका बेटा या बेटी किसी परीक्षा में फेल हो जाए या जीवन के किसी प्रतिस्पर्धा में असफल हो जाए तो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि ऐसे समय में बच्चों को अपने प्रोत्साहन की जरूरत होती है। आपका प्रोत्साहन उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करता हैं।