अगर आपका बच्चा 6-10 महीनें से बड़ा है और वो घुटनों के बल नहीं चल पाता है तो परेशान होने की जरुरत नहीं है। बच्चे का वजन ज्यादा होने की वजह से ऐसा नहीं कर पाता है। जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है उनको घुटनों के बल चलने में थोड़ी दिक्कत होती है। लेकिन अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखें तो आप अपने बच्चे को खुद घुटनों के बल चलाना सिखा सकते हैं।
बच्चे को पेट के बल लेटने की आदत डालवाएं: बच्चों को पेट के बल लेटकर खेलने में मजा आता है। उन्हें फर्श पर पेट के बल लेटाने से उन्हें हाथ और गर्दन की मांसपेशियां विकसित होती हैं। आप इसे थोड़ी-थोड़ी देर के लिए करते रहना चाहिए। जैसे ही बच्चा 4 महीने का होता है तब से वह अपना सिर घुमाना शुरु कर देता है जिससे वह अपने शरीर पर कंट्रोल करने लगता है और घुटनों के बल चलने के लिए तैयार होता है।
बच्चे को बिठाएं ताकि उसकी कमर मजबूत हो सके: जब तक आपका बच्चा बैठना ना सीखे आपको उसकी मदद करनी चाहिए। लेकिन जब तक वह अपने आप बैठना ना सीखे तब उसके सिर और पीठ पर हाथ रखें ताकि बच्चे को सीधा रहने और घुटनों के बल चलते समय सिर ऊपर रखने में मदद मिले। इसके लिए आप अपने बच्चे को सिर के ऊपर कुछ दिखाएं ताकि जब वह ऊपर की तरफ देखे। इससे सिर, कमर और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
एक सुरक्षित स्थान ढूंढे: आपके बच्चे को घुटनों के बल चलाना एक सुरक्षित और कोमल जगह से शुरु करें। क्योंकि अगर जगह बच्चे के लिए सहज नहीं होगी तो उसे चलने में दिक्कत होगी। आप फर्श पर कोई मुलायम कारपेट बिछा सकते हैं, जिससे बच्चे को कोई परेशानी ना हो।
ध्यान से बच्चे को पीठ के बल फर्श पर लेटाएं: आपका बच्चा जब खुश हो तो आराम से उसे पीठ के बल फर्श पर लेटाएं। कम से कम 10-15 मिनट तक बच्चे को पीठ के बल लेटे रहने दें। जब तक वह आराम महसूस करने लगे।
बच्चे को पेट के बल घुमाएं: अगर आपका बच्चा घुमते हुए सहज महसूस करता है तो उसे ऐसा करने दें। आप उसकी मदद करके उसे पेट के बल लेटा दें। वह अपने हाथ और सिर को सपोर्ट खुद करेगा। जैसे ही वह हाथ और सिर को सपोर्ट करे तो उसके सिर को ऊपर की तरफ करें।
बच्चे का कोई खिलौना उससे थोड़ा दूर रख दें: आप अपने बच्चे को खिलौने के पास जाने के लिए प्रोत्साहित करें और उसे आगे चलने में मदद करें। इससे आपका बच्चा घुटनों के बल चलने की कोशिश करेगा। मगर ध्यान रहे खिलौना ज्यादा दूर ना रखें। इससे बच्चे को परेशानी हो सकती है।
बच्चे के साथ घुटनों के बल चलें: बच्चे को आपकी तरफ घुटनों के बल चलकर आने की बजाय आप बच्चे के साथ घुटनों के बल चलें। आप और आपका बच्चा दोनों खिलौने की तरफ घुटनों के बल चलकर जा सकते हैं। ऐसा करने से आपका बच्चा घुटनों के बल चलने के लिए प्रोत्साहित होता है।