बाल मन बड़ा ही सुलभ होता है, बिलकुल कच्ची मिट्टी की तरह। जिस आकार में गढ़ेंगे, वे बनते चले जाएंगे। यदि बच्चे को बेहतर इंसान बनाना है तो पहले खुद को बदलना होगा। अब सवाल यह है कि आप बच्चों के साथ कैसा व्यचवहार करें कि वह अनुशासन में रहें और उनकी शैतानियां शिकायत का रूप न लें पायें।
न डांटें सबके सामने
अक्सर देखा गया है कि अभिभावक बच्चों को जहां देखो भीड़ भाड़ वाली जगह पर, मेहमानों के सामने, स्कूल में, दोस्तों के सामने कहीं भी डांट देते हैं। इससे बाल मन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए सही परवरिश के लिए हालात को समझना बूझना भी बहुत जरूरी है। सभी बच्चों को एक तरह की परवरिश नहीं दी जा सकती है। कुछ बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं तो कुछ जिद्दी, कुछ अपनी मर्जी के मालिक, कुछ छोटी-छोटी बातों पर चिल्लोने वाले। बात बच्चों को प्याहर करने की हो या फिर सख्तीे बरतने की, हर बच्चे का अलग तरह से ख्याल रखना होता है। इसलिए बच्चों को बेहतर इंसान बनाने के लिए पहले आपका बदलना भी जरूरी है।
संवेदनशील बनायें
अक्सर मां-बाप बच्चों के साथ ऐसे व्येवहार करते हैं जैसे वे जो बोले बच्चेे को वैसा ही करना होगा। जैसे वो उनकी प्रॉपर्टी हों। नहीं, पहले तो बस आप ये मानिए कि आप उस बच्चे को दुनिया में लाने का एकमात्र जरिया हैं। हां, उस बच्चे को बेहतरीन इंसान बनाने का दारोमदार आप पर जरूर है। आप उसे पालते-पोसते और बड़ा होते हुए एक बेहतरीन इंसान बनाइए। उसे गलत और सही की पहचान कराइए। देखिए, उसकी गलतियों को सुधारिए। मत भूलिए कि वो देश का आने वाला कल है। आप जैसी परवरिश करेंगे, वे वैसे इंसान बनेंगे।
बदलें घर का माहौल
इन दिनों बहुत बड़ी शिकायत है कि बच्चे बड़े बुजुर्गों की रिस्पेसक्ट नहीं करते, महिलाओं के साथ, बहन के साथ उनका व्यवहार अच्छा नहीं है। यदि आप घर में महिलाओं के साथ बेहतर व्यवहार रखेंगे तो बाहर वे महिलाओं के साथ वैसे ही व्यवहार करेंगे, इसलिए घर का माहौल बदलना बहुत जरूरी है। बचपन से ही उन्हें लोगों खासकर महिलाओं की रिसपेक्ट करना सिखाइए। अक्सर छोटे-छोटे से लड़के लड़कियों को देखते ही अजीब-अजीब सी हरकत करने लगते हैं, बालों में हाथ देने से लेकर कुछ-कुछ अजीब अंदाज में बोलते हैं। कुछ बच्चे अश्लील हरकतें करते, अश्लील गाना गाते हुए भी सुने गए हैं। अच्छा हो कि आप उन्हें बचपन से ही महिलाओं के बराबरी के हक की जानकारी दें। घर में पिता अपनी पत्नी को सम्मान दें। बच्चों के सामने लड़ाई-झगड़ा न करें।
बच्चों की बढ़ती उम्र पर रखें नजर
बच्चें अक्सघर बढती उम्र में शारीरिक परिवर्तन की वजह से उग्र हो जाते हैं। ऐसे में वे कई बार विद्रोही हरकतें करते हैं। उस समय बच्चों पर नजर रखना बहुत जरूरी होता है। आज कल के बच्चे अपने करियर को लेकर बचपन से ही बहुत संजीदा होते हैं, लेकिन पेरेंटस उन पर अपनी मनमर्जी थोपते हैं। उनको जो बनने की इच्छ है, उसे बनने में मदद करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो वे आपके सामने तो अच्छा व्यतवहार करेंगे लेकिन आपके पीठ पीछे वो ऐसी हरकतें करेंगे जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी।
लालच देकर काम न करायें
अक्सर देखा गया है कि मां-बाप बातों-बातों में बच्चों को लालच देते हैं-अगर तुम ये काम कर दोगे तो हम तुम्हें ये चीज लाकर देंगे। बच्चों को दिया हुआ लालच उन्हें बिगड़ैल बना सकता है। हां, एक बात आप जरूर करें उनसे दोस्ती करें, जब भी बच्चा जिद करे तो उसका जवाब उग्रता से न देकर प्यार से दें। बच्चे इन दिनों सबसे ज्यादा समय या तो इंटरनेट पर बिताते हैं या फिर कार्टून देखने में। बच्चे कौन सा कार्टून देख रहे हैं और इंटरनेट पर क्या-क्या साइट देख सुन रहे हैं, इस पर ध्यान रखें। आप टीवी पर ढंग के कार्यक्रम देखें ताकि बच्चों का झुकाव भी अच्छे कार्यक्रमों की तरफ हो। यदि आपको अपने बच्चों को बेहतर इंसान बनाना है तो पहले आपको सुधरना होगा। तो इंतजार न करें। अच्छे इंसान बनें, बच्चे आपको देखकर खुद ब खुद सीख जाएंगे।