सर्दियों के मौसम में आमतौर पे अन्य मौसम की अपेक्षा अधिक पेशाब आता है। और ऐसा ही नवजात के साथ भी होता है जिसकी वजह से उसका डायपर जल्दी गीला हो जाता है और उसे ना बदलने से उसे सर्दी लग सकती है। सर्दी के मौसम में आप इस बात का ध्यान रखे और हल्का सा गीला होने पर डायपर बदल दे।
कई बार घर से बाहर जाते समय हमे ख्याल आता है की बच्चे को भी ले चलते है जो की गलत है। जो तापमान आपके लिए सामान्य है। वो बच्चे के लिए बहुत ठंडा है और ऐसे में उसे बाहर घुमाना खतरे से खाली नही है क्योंकि ठंड से मौसम में तबियत बिगड़ने से यह लम्बे समय तक बनी रही है। सर्दियो के मौसम में शिशु के खान पान का ध्यान रखना चाहिए। हमेशा हल्का गुनगुना पानी दे और ठंडी चीजो जैसे की जूस आदि से दूर रखे। बच्चों के शरीर में मालिश करने से उनकी हड्डिया मजबूत बनती है और साथ साथ मं उनके शरीर में गर्मी भी पहुचती है। आप प्रयास करे की यह मालिश आप धूप में बैठकर करे क्योकि इस समय बच्चे का बदन पूरी तरह से बिना कपड़ो के होता है जिससे उसे सर्दी लग सकती है।
हमेशा बच्चे को गर्म कपड़े पहनकर रखना चाहिए क्योंकि हल्का सा मौसम सर्द होने से उन्हें ठंड लग सकती है। जो की निमोनिया का रूप लेने से भयानक बन जाती है। दिन और रात दोनों समय बच्चों का मोटे कपड़े पहनकर रखे जिससे उन्हें सर्दी नही लगेगी और वो सुरक्षित रहेंगे।