खनाने में तनाव कम करने और जीवन में क्षमता होती है। इसके लिए जरूरी है क परिवार के साथ खाया जाए और खाना घर पर पका हो। खाने में लगा समय, आहार में मौजूद पोषक तत्व और खाने का तरीका खुशियां बढ़ाते है। खाने के जरिये जीवन में खुशियां लानी हैं, तो धीमे-धीमें और फल-सब्जियां खायें। खाते समय टीवी बंद कर दें और साथ में मौजूद व्यक्ति के साथ को भी महसूस करें। ज्यादा बाद न करें और हर टुकड़े का आनंद लें। हर कौर के बाद चम्मच मेज पर रख दें। और मेंज के आसपास की खूबसूरत चीजों का आनंद लें। घर पर खाने से महिलाओं को कम तनाव होता हैं। घर पर हमेशा पौष्टिक और बेहतर खाना पकता है। इससे मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घर के सदस्य एक साथ मिलकर अगर भोजन करते है तो परिवार के सभी बच्चों और बड़ों में अपनापन और आत्मीयता बढ़ती है। इसके साथ ही खाने के टेबल पर आपसी हंसी खुशी का माहौल जहां खाना पचाने में मदद करता है। वहीं रिश्तों में आयी दूरियों को भी कम करता है। किसी ने सच्ची कहां हे कि किसी के दिल तक पहुंचने का रास्ता पेट से होकर जाता है और ये काम जब घर की कोई भी स्त्री चाहे वो मा हो बहन हो भाभी हो या पत्नी हो जब प्यार से खाना बनाती है तो वो दिल तक पहुंत ही जाता है। परिवारर में कितनी भी परेशानियां दूरियां या तनाव हो अगर सब मिलकर एक साथ खाने की टेबल पर आ जाएं तो उस माहौल को पलभर में समाप्त कर देती है। बच्चों को बड़ों से तालमेल बनाएं रखने का बहेतर समय है खाने की टेबल। रूठे साजन को मनाना हो तो सही जगह है खाने की टेबल ओर नयी नवेली बहु को पिया के घर में अपनी जगह बनानी है और सबका दिल जीतना है तो वो भी खाने की टेबल पर ही संभव है क्यूंकि उसके द्वारा बनाया गया लजीज पकवान नये रिश्तों को नाम देगा। किसी भी परिवार की खुशी उसकी ठोस नींव का मील पत्थर है एक साथ मिलजुलकर एक ही टेबल पर एक साथ खाना।