आमतौर पर शरीर के ऊपर हिस्सों यानी चेहरे, हाथों और बालों की ओर जितना ध्यान देते हैं, उसकी तुलना में पैरों की देखभाल पर कम ही ध्यान देत है जिससे पैरों की सुंदरता कम हो जाती हैं। पूरे शरीर का बोझ उठाने वाले पैर का तिरस्कार नहीं बल्कि उसकी देखभाल करें। पैरों पर ही शरी का संतुलन बना रहता है, इसलिए मुद्रा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जब आप खड़े होते है या चलते हैं, आपके पैर आगे की ओर सीधे ही रहने चाहिए। चलते समय आनी एड़ियो को धीरे-धीरे उठायें ताकि आपके शरीर का पूरा वजन आपके जूतों पर ही पड़े। लगातर एड़ियों पर वजन पड़ने से आपको कमर दर्द और पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है। आप अपने पैरों को मजबूत करने के लिए व्यायाम भी करें। आप पैरों के अंगूठो के बल सीधे खड़ें होकर पीछे की तरफ झुकने की कोशिश करें। इससे आपके पांव मजबूत होंते। अपने पैरों की उंगलियों को इस तरह से मोडें कि ऐसा लगे कि आप किसी चीज को उठाने की कोशिश कर रहे है। पैरों के अंगूठो को स्ट्रेच करके उन्हें गोल-गोल घुमाए। इससे उन्हें मजबूती मिलेगी। इससे अलावा ध्यान रखें कि पैरों की फटी हुई त्वचा को कभी भी तेत क्चिपर से न काटें बल्कि ठंडे क्रीम से मसाज करके उसके दबा दें। मालिश हमेशा ऊवा की और हाथ फेरते हुए करें। अगर आप पैरों को कीटागुरहित ओर रोगमुक्त रखना चाहते है तो पैरों की अंगुलियों के बीच के पसीने को सूखे साफ कपडे से पोंछ कर उन पर टेलकम पाउडर लगाकर रखें। इससे आप घंटों तरोताजा महसूस करेंगे। गलत नाप के जूते का प्रयोग न करें। इससे रक्त संचार में बाधा आती है। जिन लोगों को काफी चलना पड़ता हो या खड़े रहना पड़ता हो, उन्हें पैरों की आरामदायक स्थिति के लिए चैड़े सोल और कम हीम वाले जूते ही पहनने चाहिए। जूतों का अगला सिंरा खासतौर पर चैडा होना चाहिए ताकि आपकी अंगुलियाँ आरामदायक स्थिति में रहें और उनपर अतिरिक्त कसाव न पड़े। देखभाल के लिए जरूरी टिप्स समय-समय पर पैडीक्योर करवाते रहें। पैरों को गुनगुने पानी में डुबोने से पहले उसमें आॅलिव आॅयल या वेजिटेबल आॅयल की कुछ बूंदे डाल लें। शुष्क मौसम में पैरों की मालिश करें। दर्द और सूजन वाले पैरों के लिए आप कंट्रास्ट बाथ ले सकते हैं। पैरों को नमक मिले गुनगुने पानी में डुबोकर रखे। थोड़ी देर बाद पैरों को ठंडे पानी में डुबों दे और इस तरह गर्म और ठंडे पानी का अहसास पैरों को दिलाते रहें। आप जल्द ही राहत महसूस करेंगे।