सामान्यतः बुढ़ापे को उम्र के साथ जोड़ा जाता जबकि वैज्ञानिकों का मानना है कि जब तक शरीर की कोशिकाओं का पुनर्निर्माण ठीक प्रकार से होता रहे, तब तक बुढ़ापे को दूर रखा जा सकता है, चाहे आयु कुछ भी हो। जब कोशिकाओं के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया धीमी पड़ने लगे या इसमें किसी भी तरह की परेशानी आने लगे तो शरीर बूढ़ा होने लगता है।
बुढ़ापे से बचा तो नहीं जा सकता पर इस प्रक्रिया को कुछ नियमित अच्छी आदतों के रहते धीमा किया जा सकता है। शरीर की कोशिकाओं का पुनर्निर्माण ज्यादा समय तक ठीक चलता रहे इसके लिए हमें कुछ नियमों को अपनाना होगा जिससे हम शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रह सकें।
लें संतुलित आहारः- संतुलित आहार का सेवन हर उम्र वर्ग के लिए जरूरी होता है। किशोरावस्था और जवानी में तो हम सब कुछ पचा लेते हैं पर 35 वर्ष के उपरांत हमें अपने आहार को संतुलित रखना जरूरी होता है ताकि हम उसे आसानी से पचा सकें। जरूरत से अधिक भोजन ग्रहण न करें। आयुर्वेद में कहा गया है कि पेट का एक तिहाई हिस्सी भोजन से भरना चाहिए और शेष खाली रखना चाहिए ताकि पाचन ठीक रहे। नियमित भोजन में विटामिन, प्रोटीन, खनिज आदि तत्वों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए ताकि शरीर को संतुलित पोषण मिल सके।
नींद भी पर्याप्त लेंः- पूरी शांत नींद न लेने से मानसिक दबाव बढ़ता है जिससे बुढ़ापे का प्रभाव शरीर पर जल्दी पड़ता है। बुढ़ापे को दूर करने के लिए पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है। इसलिए जवां बने रहने के लिए सात-आठ घंटे की नींद अवश्य लें।
जीवन शैली को तनाव मुक्त बनाएंः- मानसिक स्वास्थ्य अगर अच्छा है तो आप चुस्त-दुरुस्त रहते हैं। अगर मानसिक तनाव है तो कुंठा पैदा होना स्वाभाविक रहता है और साथ ही बुढ़ापा भी जल्दी आता है। कहा जाता है कि मानसिक तनाव सभी रोगों की जड़ है, इसलिए तनावमुक्त रहने के लिए अच्छे दोस्तों के साथ रहें, मधुर संगीत सुनें, अच्छा साहित्य पढ़ें और व्यस्त रहें। समय ही नहीं बचेगा फालतू की बातों को सोचने का।
नियमित व्यायाम को अपने जीवन का अंग बनाएंः- नियमित हल्का व्यायाम हमें कई रोगों से दूर रखता है, शरीर को फुर्तीला बनाता है और बुढ़ापे को दूर रखने में मदद करता है। प्रातः खुली हवा में टहलें, लम्बे गहरे सांस लें ताकि अधिक आक्सीजन अन्दर जा सके। सूक्ष्म क्रियाएं नियमित करें जिससे हमारे जोड़ खुले रहें। प्राणायाम करें।
आंवले का सेवन करेंः- आंवला बुढ़ापे को दूर रखने में मदद करता है। आंवले का सेवन किसी भी रूप में करें। मुरब्बा, कैंडी, चटनी, कच्चा आंवला आप ले सकते हैं। डायबिटिज वाले रोगी कैंडी और मुरब्बे का सेवन न करें। अगर मुरब्बा खाना पड़े तो उसे अच्छी तरह धोकर चीनी निकाल कर खाएं।
एलोवेरा जूस लेंः- एलोवेरा में एंटी एंजिंग गुण होने के कारण इसका सेवन नियमित करें, जैल या जूस के रूप में। एलोवेरा शरीर की अंदरूनी सफाई करता है जिससे हमारी पाचन प्रणाली दुरुस्त रहती है।
बेरीज का सेवन करेंः- ब्लूबेरी, स्ट्राबेरी, केनबेरी, रसबेरी में काफी मात्रा में ऐसे एंटी आक्सीडेंट पाएं जाते हैं जिनके नियमित सेवन से त्वचा जवां दिखती है और उम्र का सही अंदाज नहीं हो पाता। इसलिए मौसम में मिलने वाली बेरीज का नियमित सेवन करना अच्छा होता है। खाने में मैदे से बने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जैसे ब्रेड, नूडल्स, पास्ता, बर्गर, पिज्जा आदि।
फीलगुडः- अच्छा दिखने के लिए अच्छा महसूस करना जरूरी है, इसलिए खुश रहिए और जिन्दगी को एंजॉय करिए। इसमें तंदुरूस्ती के राज छिपे हैं।